भारत के पहले स्वदेशी एयरक्राफ्ट करियर आईएनएस विक्रांत (First Indigenous Aircraft Carrier - INS Vikrant) अब भारतीय नौसेना (Indian Navy) में शामिल हो चुका है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) ने पिछले महीने इसे नौसेना को सौंपा. इस करियर के लिए नौसेना को 26 फाइटर जेट्स की जरुरत है. दो फाइटर जेट्स में इस समय डील जीतने की जंग चल रही है.पहला फ्रांस का राफेल मरीन (Rafale Marine- Rafale M). दूसरा है अमेरिका की बोइंग कंपनी का F-18 Super Hornet. दोनों ही लड़ाकू विमानों का परीक्षण गोवा स्थित INS Hansa पर हो चुका है. ट्रायल टीम ने अपनी रिपोर्ट नौसेना मुख्यालय में सौंप दी है. अब दोनों विमानों की रिपोर्ट का इवैल्युएशन हो रहा है. जो बहुत जल्द पूरा होने की उम्मीद है. पहले नौसेना को 57 फाइटर जेट्स चाहिए थे. लेकिन बाद में इन्हें आधा कर दिया गया ताकि स्वदेशी फाइटर जेट्स को मौका दिया जा सके. भारतीय नौसेना को 26 फाइटर जेट चाहिए. 18 सिंगल सीटर यानी लड़ाई के लिए तैयार. और 8 ट्विवन सीटर यानी ट्रेनिंग के लिए.भारतीय नौसेना (Indian Navy) जिसे भी चुनेगी ये तो बाद में पता चलेगा. लेकिन उससे पहले यह जानना जरूरी है कि जो लड़ाकू विमान आपस में जंग कर रहे हैं. उनमें कौन कितना ताकतवर है. राफेल-एम (Rafale-M) की मैक्सिमम स्पीड मैक 2 है. यानी 2469.6 KM प्रतिघंटा. जबकि,एयरक्राफ्टकरियरINSVikrantपरकौनसाफाइटरजेटहोगातैनातजल्दचलेगापता F-18 हॉर्नेट (F-18 Super Hornet) की अधिकतम स्पीड मैक 1.8 है. मतलब 2222.4 KM प्रतिघंटा. राफेल की रेंज 3700 KM और हॉर्नेट की 3300 KM है. अब खुद ही जान जाइए कि किस की गति ज्यादा बेहतर है. Rafale-M की सर्विस सीलिंग 55 हजार फीट है. जबकि हॉर्नेट की 50 हजार फीट. राफेल 308 मीटर प्रति सेकेंड की स्पीड से ऊंचाई पर जाता है. जबकि हॉर्नेट 228 मीटर प्रति सेकेंड की दर से. राफेल को एक पायलट उड़ाता है. हॉर्नेट में एक या दो पायलट का ऑप्शन आता है. 50.1 फीट लंबा राफेल हॉर्नेट से करीब 10 फीट छोटा है. राफेल का विंग स्पैन 35.4 फीट है. जबकि हॉर्नेट का इससे करीब 9 फीट ज्यादा है. हॉर्नेट का वजन भी राफेल से ज्यादा है.लड़ाकू विमानों को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अलग-अलग तरीके की रेंटि्ग्स मिलती हैं. इनमें कई तरह की तुलना की जाती है. इसमें BVR रेटिंग बहुत ज्यादा जरूरी होता है. राफेल-M की रेटिंग 100 में 90% है. सुपर हॉर्नेट की 83%. हथियारों में राफेल को 10 में 8.6, हॉर्नेट को 7.9 मिले हैं. टेक्नोलॉजी में हॉर्नेट को 8.9 अंक मिले हैं जबकि राफेल को 8.5. हॉर्नेट की तकनीक बेहतर है पर राफेल हथियारों में आगे. जैसे एवियोनिक्स. हॉर्नेट को इसमें 9 अंक मिले हैं, जबकि राफेल को 8.4. लेकिन मैन्यूवरेबिलिटी यानी जेट को उड़ाने की सहूलियत के मामले में राफेल बेहतर है. उसे 9.3 अंक और हॉर्नेट को 7.8 मिले हैं.राफेल में मेटियोर बेयोंड विजुअल रेंज एयर टू एयर (Meteror BVRA) मिसाइल लगती है. हॉर्नेट में AIM-120 AMRAAM. राफेल में 30 मिमी कैलिबर की GIAT 30M/719B और हॉर्नेट में 20 मिमी की M61A1 वल्कैन तोप लगी है.